ना जाने क्यूँ...
कलयुग की इस सदी में
सत्य हमेशा हार जाता है
ना जाने क्यूँ...
आज की सदी में
जो जितना ही ऊँचा
वो उतना ही अकेला
मुख पर दिखावटी मुस्कान बनाये
मन ही मन वह रोता
यह सोच आज में चुप हूँ
ना जाने क्यूँ...
इस उपवन में
हमेशा झूठ का ही जयकारा है ....!
लेखक :
दीपेश कुमार
Sunday, January 24, 2010 |
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Comments (2)
heart touching.....good one....mast likha hai....badhiya laga...isi tarah likhte raho.....
lekhak mahodaya here i am judging you ....you told first this is kalyug ...and later you are using upvan for the kalyug ....
well it was mind blowing and half truth of the life ....