वक़्त बदला ..शहर बदले..
पर नहीं बदली तो यादें हैं..
किसी की मुस्कान का जरिया बन ,
दिल आज भी नम हो जाता है ..
नहीं बदली तो संस्कारें  हैं..
वक़्त बदला ..शहर बदले..
जीवन शैली बदली
पर नहीं बदली तो जीवन की रेखायें हैं ..
वो कल भी टेढ़ी मेढ़ी थी
और आज भी उलझी हैं
वक़्त बदला ..शहर बदले..
दोस्तों के नाम बदले
पर नहीं बदली तो दोस्ती हैं ..
वक़्त बदला ..शहर बदले
सरकारें बदल गयी
पर नहीं बदली तो आम जनों की बदहाली है
भारत माँ के आँखों में आज भी आँसूं हैं..
वक़्त बदला ..शहर बदले

दीपेश की कलम से..

Comments (5)

On May 22, 2012 at 12:41 PM , Abhijit mukherjee said...

good job....:)

 
On May 22, 2012 at 12:52 PM , shankar anand said...

bahut achhe..

 
On May 22, 2012 at 1:34 PM , ragini said...

What are the words yaara...Now u are playing with words..Keep writing...

 
On May 31, 2012 at 9:41 AM , rivakuvi said...

we need this kind of changes ...but this is fact ..changes must be in good way ...nice one

 
On February 10, 2016 at 4:53 AM , PriyankaP said...

Bahot badhiya