वक़्त बदला ..शहर बदले..
पर नहीं बदली तो यादें हैं..
किसी की मुस्कान का जरिया बन ,
दिल आज भी नम हो जाता है ..
नहीं बदली तो संस्कारें हैं..
वक़्त बदला ..शहर बदले..
जीवन शैली बदली
पर नहीं बदली तो जीवन की रेखायें हैं ..
वो कल भी टेढ़ी मेढ़ी थी
और आज भी उलझी हैं
वक़्त बदला ..शहर बदले..
दोस्तों के नाम बदले
पर नहीं बदली तो दोस्ती हैं ..
वक़्त बदला ..शहर बदले
सरकारें बदल गयी
पर नहीं बदली तो आम जनों की बदहाली है
भारत माँ के आँखों में आज भी आँसूं हैं..
वक़्त बदला ..शहर बदले
दीपेश की कलम से..
Tuesday, May 22, 2012 |
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Comments (5)
good job....:)
bahut achhe..
What are the words yaara...Now u are playing with words..Keep writing...
we need this kind of changes ...but this is fact ..changes must be in good way ...nice one
Bahot badhiya