काश कि इन् पलों का कभी कल ना आये..
यादों की आज में ही ये जीवन गुजर जाये ..
बंद कभी ना हों ये हँसी की कहकहे ,
ना कभी खत्म हो इन् आँसुओं की अहमियत ..
कल कुछ आत्म्जन बिछुर जायेंगे ..
पथ की यादें मुझे तरसायेंगे..
जीवन तो राहें ढूँढ ही लेगी ..
पर क्या हमारी हँसी भी हमहें ढूँढ पाएंगी ..
साथ तो बस सुनहरी यादें ही रह जायेंगी !
काश कि इन् पलों का कभी कल ना आये..
यादों की आज में ही ये जीवन गुजर जाये ..

     दीपेश की कलम से...

Comments (3)

On May 7, 2012 at 2:28 PM , Deepesh Kumar said...

Dedicated to my Beloved friends.. Traveler of the same boat called LIFE.

 
On May 8, 2012 at 10:08 PM , Alien Coders said...

Haan wo to hai....koi nahi time to time humlog in yaadon ko taaja karne ki koshish karte rahenge....

 
On May 31, 2012 at 9:42 AM , rivakuvi said...

aapki kuch kavitaye wakai mein mast hai ...ye waali unhi mein se ek hai