काश कि इन् पलों का कभी कल ना आये..
यादों की आज में ही ये जीवन गुजर जाये ..
बंद कभी ना हों ये हँसी की कहकहे ,
ना कभी खत्म हो इन् आँसुओं की अहमियत ..
कल कुछ आत्म्जन बिछुर जायेंगे ..
पथ की यादें मुझे तरसायेंगे..
जीवन तो राहें ढूँढ ही लेगी ..
पर क्या हमारी हँसी भी हमहें ढूँढ पाएंगी ..
साथ तो बस सुनहरी यादें ही रह जायेंगी !
काश कि इन् पलों का कभी कल ना आये..
यादों की आज में ही ये जीवन गुजर जाये ..
दीपेश की कलम से...
Monday, May 07, 2012 |
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Comments (3)
Dedicated to my Beloved friends.. Traveler of the same boat called LIFE.
Haan wo to hai....koi nahi time to time humlog in yaadon ko taaja karne ki koshish karte rahenge....
aapki kuch kavitaye wakai mein mast hai ...ye waali unhi mein se ek hai