आम आदमी आम आदमी
नारा रहा है गूंज आसमान में.....
मगर बदल नहीं रही तक़दीर
" आम आदमी " की
कॉंग्रेस ने कहा " उनका हाथ आम आदमी के साथ "
और
भाजपा ने कहा " उनका कमल है आम आदमी "
पर विवशता यही है कि
आज भी वहीँ है आम आदमी
कल तक था जहाँ खरा "आम आदमी "
आम आदमी आम आदमी
नारा रहा है गूंज आसमान में...
बदल रही हैं सरकारें
मगर फिर भी पलट नहीं रही तक़दीर
ठगा जा रहा
पग पग में "आम आदमी "
आम आदमी आम आदमी
नारा रहा है गूंज आसमान में...
बदल रही हैं तो बस पार्टियों की घोषणायें
सिकुर रहा "आम आदमी का संसार "
कहीं भूत के आयने में गुम ना जाये
अपना बेचारा " आम आदमी .....!"

लेखक : दीपेश कुमार